sad poetry in hindi on love
जब से उतरा है उसका चेहरा मेरी आंखों में
जब से उतरा है उसका चेहरा मेरी आंखों में
तब से देखा नही है इन्होंने सोकर रातों में
होने लगती है तब मुझे खुद से मोहब्बत और
जब आता है उसकी जुबां पर मेरा नाम बातों बातों में
क्या कशिश थी उसकी मुस्कान में दोस्तों
जिसने बड़ा दी मेरी बैचेनी चंद मुलाकातों में
कोशिश करने पर भी मैं भुला नहीं पा रहा हूं
उसने बना लिया है एक घर मेरी यादों में
अब तो होती है जलन किस्मत पे उसकी मुझको
जो रूमाल हर वक्त रहता है उसके हाथों में
अगर अब मौत भी आ जाए तो कोई गम नही
मगर शर्त ये हो वो आए तो आए उसकी बाहों में