sad poetry in hindi on love
तुझ से ही दिल को राहत है
तुझ से ही दिल को राहत है
तुझ से ही मुकम्मल चाहत है
तू ही है मक्का, मदीना मेरा
यारा तू ही मेरी इबादत है
तुझ से रूठना,तुझ को मनाना
कैसी ये दिल की शरारत है
न दिन कटता न रात गुजरती
बन चुका तू मेरी आदत है
तू ही मेरी आयत है
तू ही मेरी मोहब्बत है
पूरी करने के लिए अपनी गज़ल
आज मुझे तेरी जरूरत है