sad poetry in hindi on love
रंग बनकर वो मुझ पे चढ़ता जाए
रंग बनकर वो मुझ पे चढ़ता जाए
खुशबू बनकर वो मुझ में उतरता जाए
जीता है वो सिर्फ देख कर ही मुझ को
मुझ पर ही वो पल पल मरता जाए
मेरी एक एक ख्वाहिश पूरी करने के वास्ते
मोहब्बत में वो हर हद से गुजरता जाए
बरसात बनकर वो मुझ पे बरसता जाए
शाम बनकर वो मुझ में ढलता जाए
वो डरता है पल पल खोने से मुझ को
इसलिए वो जमाने भर से लड़ता जाए
सांस बनकर मुझ में चलता जाए
धड़कन की तरह मुझ में धडकता जाए
जिंदगी के इस सफर में दोस्तों मुझ को
हर कदम पे उसका साथ मिलता जाए