sad poetry in hindi

sad poetry in hindi on love | sad poetry in hindi | चल मेरे दिल कहीं और चले

sad poetry in hindi on love

चल मेरे दिल कहीं और चले

चल मेरे दिल कहीं और चले
कही और ढूंढे अपनी मंजिले
उसने तो तुझे दिल से निकाल दिया
देख अपने लिए कोई और घर नया
तेरे गम का यहां कोई सहारा नहीं
कोई यहां तेरे आसूं पोंछने वाला नहीं
चल वहां जहां टूटे दिल वाले न हो
तेरी तरह गम के मारे न हो
झूठी आशा दिखाने वाले न हो
बनाकर अपना फिर ठुकराने वाले न हो
इस शहर से अब हमारा क्या वास्ता
उस बेवफा से अब हमारा क्या राब्ता
जिसने मेरे दिल को वीरान किया
मुझे गम का यारों सामान किया
क्या फायदा अब उसके सामने आंसू बहाने से
उस बेवफा को अपना प्यार जताने से
जो मिले है ज़ख्म मोहब्बत में चल उसका हिसाब करे
कहीं दूर जाकर इनका हम इलाज़ करे
चल मेरे दिल कहीं और चले
ढूंढे कही और अपनी मंजिले

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