sad poetry in hindi on love
जो दिल से हमें भुला चुके
जो दिल से हमें भुला चुके हमें भी उनसे प्यार कहां रहा
जो किसी और के साथ जा चुके हमें उनका इंतजार कहां रहा
ये दौर है बदलते जमाने का अब यार यार कहां रहा
तेरे छोड़ जाने के बाद किसी और पर एतबार कहां रहा
जो मौसम बहार के थे वो तेरे साथ ही गुजर गए
अब खुश है अपनी तन्हाई में अब तेरे ख्याल कहां रहा
जिसे जानती थी दुनिया तेरे आशिक़ के नाम से यारा
तेरे नाम से वो आशिक़ अब बदनाम कहां रहा
तेरे कदमों के निशानों से जो पहुंचा था तुझ तक
वो मिलने को तुझ से अब बेकरार कहां रहा
जिस चार दिवारी को घर बनाया था तेरी मोहब्बत ने
तेरे बाद वो घर तो क्या वो मकान भी यार कहां रहा