sad poetry in hindi on love
चढ़ने लगा है मुझे नशा जाम से पहले
आ रही है वो आज सज संवरकर शाम से पहले
चढ़ने लगा है मुझे नशा जाम से पहले
आज बरसों बाद होंगे हम दोनो आमने सामने
ये खुशी मार ही न दे मुझे मुलाकात से पहले
उसी ने सिखाए है मुझे मायने मोहब्बत के
वो बसी है मुझ में मेरी जात से पहले
बन चुकी है वो हिस्सा मेरी जिंदगी का दोस्तों
वो आती है याद मुझे मेरी हर सांस से पहले
उसके होंठों की हँसी को मैं कभी खोने न दूंगा
रखूंगा उसकी हर खुशी अपने हर ख़्वाब से पहले
वो जब भी आए मुझे पहले जैसा पाए दोस्तों
कुछ इस तरह से सजादो मुझे उसके दीदार से पहले