sad poetry in hindi on love
बन चुके है खुद अपने लिए एक सवाल से
बन चुके है खुद अपने लिए एक सवाल से
रहते है अब चुप चुप और बे ख्याल से
चुभने लगी है तेरी यादें कांटों की तरह मुझे
दूर होते जा रहे है धीरे धीरे तेरे हर एहसास से
बिखर गया था जो तिनके की तरह तेरे हिज्र में
वो फिर से सवर सकता है तेरे विसाल से
जिसका इलाज कोई डॉक्टर,हकीम न कर पाया
ठीक हो सकता है वो रोग तेरी देखभाल से
रहता है उदास उदास मेरा हर लम्हा दिन रात
तू आकर फिर से गले लगा ले उसको प्यार से
कुछ पल बिता मोहब्बत के मेरे पास तू
तू जिंदा कर दे मेरी गजलों को अपनी आवाज़ से