sad poetry in hindi on love
आप के बिना
उजड़ चुका है मेरा पूरा संसार आप के बिना
खो चुका है मेरा कहीं आराम आप के बिना
कल तक खिलखिला रही थी जिसकी दीवारे
सूना पड़ा है आज वो मकान आप के बिना
बिखरे हुए है टुकड़े अरमानों के यहां वहां
रूठकर बैठी है कोने में मुस्कान आप के बिना
जो गवाह हुआ करता था हमारी मुलाकातों का
पड़ा है वीरान आज वो बाग आप के बिना
उदास उदास सी रहती है अब मेरी सांसे मुझसे
होता नही अब जिंदा होने का एहसास आप के बिना
रह रह कर यही एक सवाल उठता है ज़ेहन में
क्यूं कर लिया खुद को मैने बर्बाद आप के बिना