sad poetry in hindi on love
तेरा सहारा मिलेगा के नही
क्या कभी मेरी तन्हां रातों को फिर से
तेरा सहारा मिलेगा के नही
क्या कभी मुझे प्यार फिर से
तेरा दोबारा मिलेगा के नही
माना मैने कभी तेरे प्यासे होंठो
की फरियाद नही सुनी
माना मैने कभी तेरे तड़पते
दिल की पुकार नही सुनी
मैं जानता हूं तू टूट चुका है
मेरी बेवफाई से
भरी महफिल में जो मैने की
तेरी उस रुसवाई से
तुझे तो मिल जायेगे लाखों चाहने वाले
राहें मोहब्बत में
पर क्या कभी मुझे फिर से तुझ सा
दिलवाला मिलेगा के नही
क्या कभी मेरी भटकती चाहत को फिर से
तेरे दिल में ठिकाना मिलेगा के नही
जा रहा है तू छोड़कर तब
जब तू बन चुका है आदत मेरी
दिन रात जिसको दोहराता रहता हूं मैं
वो इबादत मेरी
तेरे दूर जाते ही तेरी यादों की
परछाइयां खाने लगती है मुझको
तेरी दर्द भरी सदाये अपनी तरफ
बुलाने लगती है मुझको
तेरे आंसूओं का जो बहता दरिया
हर पल डूबा रहा है मुझे
क्या कभी उस से मेरे इश्क़ को
फिर से किनारा मिलेगा के नही
क्या कभी मेरे होंठों को फिर से
तेरी आंखों का प्याला मिलेगा के नही
क्या कभी मेरी तन्हां रातों को फिर से
तेरा सहारा मिलेगा के नही
क्या कभी मुझे प्यार फिर से
तेरा दोबारा मिलेगा के नही