sad poetry in hindi on love
नाराज़ होकर कहाँ जाता मैं
नाराज़ होकर तुमसे भला कहाँ जाता मैं
गुस्सा ठंडा होते ही लौट आता मैं
तू तो जा चुका था, घर को ताला लगाकर
बता इस अंजान शहर मे रात कहाँ बिताता मैं
यहाँ कोई नहीं था मेरा तेरे सिवा
अब किसको अपना दुख सुनाता मैं
पूछते है लोग तेरी गजलों मे जो है वो
शख़्स कौन है …….
भला उनको तेरा नाम कैसे बताता मैं
तू सही था, ओर गलत मैं भी ना था
एक मौका देता तो तुझे समझाता मैं
तुमने भी कोशिश ना की मुझे रोकने की
अगर रोकते तो रूक जाता मैं
नाराज़ होकर तुमसे भला कहाँ जाता मैं
गुस्सा ठंडा होते ही लौट आता मैं
sad poetry in hindi on love
Where could I go after being annoyed by you
I would have come back when the anger subsided
You have gone out after locking your home
Tell me where could I spend my night in this unknown city
I had nobody here except you
To whom could l tell my sad story
People ask me who is the person in your lyrics
How could I tell them your name
You were right but even l was not wrong
I could tell you all if you had given me an opportunity
You did not try to prevent me
I would have stayed if you had tried
Where could l go after being annoyed by you
I would have come back when the anger subsided