sad poetry in hindi on love
मेरी तन्हाइयों तले
मेरी तन्हाइयों तले
तेरा ही दर्द पले
मेरी सिने से उठे
गमो के सिलसिले
जिन्हे तू तोड़ गया
पैरों से रौंद गया
अपना मुह मोड़ गया
जलता हुआ छोड़ गया
दे रहे है रोशनी
आज भी वो दिये
मेरी तन्हाइयों तले
तेरा ही दर्द पले
क्यूं खफा हो गया तू
क्यूं जुदा हो गया तू
कहां खो गया तू
क्या बेवफा हो गया तू
मेरी ये प्यासी निगाहे
तेरी ही राहे तके
मेरा ये तपता जिस्म
तेरी ही आहे भरे
तेरा नाम लिए बिना
सांस एक पल न चले
मेरी तन्हाइयों तले
तेरा ही दर्द पले
इंतजार तेरा सता रहा है
दिन रात ये तड़पा रहा है
पागल मुझे बना रहा है
उम्र मेरी ये खा रहा है
मौसम ये जुदाई का अब
जल्दी जल्दी से ढले
लगा ले तू आके
जानां मुझको गले
हो जाए खत्म जो
दरमियां है फासले
मेरी तन्हाइयों तले
तेरा ही दर्द पले