sad poetry in hindi

sad poetry in hindi on love | sad poetry in hindi | मुझ से बताया न गया

sad poetry in hindi on love

मुझ से बताया न गया

मुझ से बताया न गया
तुम से जताया न गया
प्यार दिलों में ही रह गया
जुबां तक लाया न गया
रह गाय एक तरफा प्यार
बस बोझ बनकर
हम उम्रभर मिलते रहे
सिर्फ दोस्त बनकर
जो खत लिखे थे मेरे लिए
वो तुम ने क्यूं नही भेजे
जो तोहफे में छोड़ आया था
वो तुमने क्यूं नही देखे
उन में ही मेरे प्यार का इज़हार था
तेरी आंखे जो सवाल हर वक्त पूछती थी
उनमें, उनका जवाब था
आज तक तेरा प्यार मुझ से
मिटाया न गया
वो एक ऐसा हादसा था जो
मुझ से भुलाया न गया
ये ढाई अक्षर का इश्क़ मुझ से
कभी सुलझाया न गया
वो दिन याद है जब तुम मुझ से
आखिरी बार मिल रहे थे
एक दूसरे के दिलों की धड़कने
हम साफ सुन रहे थे
तुमने हाथ पकड़ कर मेरा
मुझे रोका क्यों नही
जुदाई की बात कहने पर मुझे
टोका क्यों नही
मुझे आज भी तेरी बिखरी जुल्फें
अपने पास बुलाती है
मुझे आज भी तेरी यादें दीवाना
कर जाती है
मेरे सपनो से आज भी तेरे प्यार
की महक आती है
तेरे इश्क़ का एहसास आज तक
मुझ से दबाया न गया
तेरे बाद मुझ से कभी भी यारा
मुस्कुराया न गया
ये दरिया मोहब्बत का फिर किसी
और के लिए बहाया न गया
मैं आज भी सिर्फ तेरे लिए
ही लिखता हूं
मैं आज भी लोगो को तेरी
गलियों में दिखता हूं
मैं आज भी महफिलों में तेरी
बाते करता हूं
मैं आज भी ऐ दोस्त सिर्फ
तुझी पे मरता हूं
मैं आज भी तुझे गले लगाने
के लिए तड़पता हूं
मैं आज भी तेरी एक झलक
के लिए तरसता हूं
मुझ से बताया न गया
तुम से जताया न गया
प्यार दिलों में ही रह गया
जुबां तक लाया न गया

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