sad poetry in hindi on love
उसके गाल पर तिल ऐसा लग रहा था
उसके गाल पर तिल ऐसा लग रहा था
जैसे बागबां का फूल पर पहरा हो
जैसे भंवरा उस पर ठहरा हो
जैसे नदी में कमल बह रहा हो
जैसे दास्तां अपनी खूबसूरती की कोई
कह रहा हो
जैसे आसमां में चमकता चांद हो
जैसे ख्वाबों से सजी रात हो
जैसे ढलते दिन की सुंदर शाम हो
जैसे गिलास में पड़ा एक जाम हो
जैसे कोई गज़ल प्यारी गा रहा हो
जैसे कोई गीत अपनी तरफ बुला रहा हो
जैसे कविता कोई सुना रहा हो
जैसे किसी की जुदाई में
आंसुओं कोई बहा रहा हो
जैसे सेहरा में पानी मिल गया हो
जैसे जंगल में फूल खिल गया हो
जैसे दिल पर नाम कोई लिख गया हो
जैसे ज़ख्मों को मेरे कोई सिल गया हो
उसके गाल पर तिल ऐसा लग रहा था