sad poetry in hindi

sad poetry in hindi on love | sad poetry in hindi | आज तेरे जिस्म से कुछ ऐसे लिपट जाऊं

sad poetry in hindi on love

आज तेरे जिस्म से कुछ ऐसे लिपट जाऊं

आज तेरे जिस्म से कुछ ऐसे लिपट जाऊं
उलझ जाऊं तेरी जुल्फों से,सांसों में सिमट जाऊं
डूब जाऊं तेरी झील सी आँखों में कहीं आज
आ मैं आज इनमे हमेशा के लिए भटक जाऊं
फिर जल कर तेरे होठों की तपिश मे यारा
धुआं बनकर मैं तेरे जिस्म में रम जाऊं
तू बन एक गीत मोहब्बत का कोई आज
और मैं तेरे सजदे में एक गजल बन जाऊं
मैं मिट्टी मेरा जिस्म भी मिट्टी
मैं मिट्टी बनकर तेरी राहों में बिखर जाऊं
यौवन बनकर चढ़ा रहूं हमेशा तुझ पर
तू बन आज आईना और मैं सवर जाऊं
दूंगा आज तुझे इतनी मोहब्बत मैं यारा
की आँसू बनकर तेरी आँखों से छलक जाऊं
आज तेरे जिस्म से कुछ ऐसे लिपट जाऊं
उलझ जाऊं तेरी जुल्फों से,सांसों में सिमट जाऊं

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