sad poetry in hindi on love
आईना मुझे देखकर क्यूं मुस्कुराता है
आईना मुझे देखकर क्यूं मुस्कुराता है
गीत मोहब्बत का मुझे क्यूं भाता है
कौन है जो छेड़ जाता है निदो में आकर
कौन है जिसके ख्यालों में दिन गुजर जाता है
जो रास्ते आते है मेरी घर की तरफ
कौन है जो उन रास्तों पर फूल बिखराता है
कौन है जो छुप छुपकर देखता है मुझको
कौन है जो मेरे दरवाजे पर रोज गुलाब छोड़ जाता है
कौन है जिसके गाने की आवाज खिड़की से आती है
कौन है जो मेरा नाम लेकर मुझको बुलाता है
अगर करता है वो इतनी ही मोहब्बत मुझसे
तो फिर सामने आकर क्यूं नही जताता है
आईना मुझे देखकर क्यूं मुस्कुराता है
गीत मोहब्बत का मुझे क्यूं भाता है