sad poetry in hindi

sad poetry in hindi on love | sad poetry in hindi | मेरा महबूब मुझ पर क्यूं रहम करता नही

sad poetry in hindi on love

मेरा महबूब मुझ पर क्यूं रहम करता नही

मेरा महबूब मुझ पर क्यूं रहम करता नही
वो मेरी हाय से भला क्यूं डरता नहीं
गिड़गिड़ाता हुआ अपने सामने देखकर भी मुझको
वो बेवफा क्यूं पिघलता नही

कलाई काटकर निकल दिया सारा लहू मैने
वो मेरे अंदर से क्यूं निकलता नही
मरती है कॉलेज की सारी लड़कियां मुझ पर
उस पर मेरा जादू क्यूं चलता नही

एक वो ही तो खुबसूरत नही जहान में जानता हूं मैं
फिर भी कोई और खूबसूरत क्यूं लगता नही
देखकर उसकी बेरूखी को दोस्तों
मेरा दिल क्यूं संभलता नही

मेरा महबूब मुझ पर क्यूं रहम करता नही
वो मेरी हाय से भला क्यूं डरता नहीं

sad poetry in hindi on love
sad poetry in hindi
sad poetry in hindi on love
Share With :