sad poetry in hindi

sad poetry in hindi on love | sad poetry in hindi | कुछ बाते थी जो अनकही रह गई

sad poetry in hindi on love

कुछ बाते थी जो अनकही रह गई

कुछ बाते थी जो अनकही रह गई
उम्मीदें शमा की तरह जलती रह गई
दूर जाते ही तेरे निकल गए थे मेरे दम
पता नही फिर भी क्यूं ये सांसे चलती रह गई

जो पल मोहब्बत में बिताए थे हमने
उनको यादों से मैं चुनती रह गई
तेरा पास आना, मुझे छूना और प्यार जताना
उस रात के बाद मैं सुलगती रह गई

आई न फिर कभी तेरे कदमों की आहट
मैं कान लगाकर सुनती रह गई
अब की सर्दी भी ऐसे ही निकल गई
अब की सर्दी भी मैं तेरे लिए स्वेटर बुनती रह गई

कुछ बाते थी जो अनकही रह गई
उम्मीदें शमा की तरह जलती रह गई

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