sad poetry in hindi on love
कभी तो पुकार मुझे कभी तो बुला
कभी तो पुकार मुझे कभी तो बुला
कभी तो खयालों से निकलकर आ
बिठा कर मुझे अपनी पलकों पर तू
कभी तो मोहब्बत के सफर पर ले जा
याद दिला पुराने दिनों की मुझको
याद दिलाकर फिर जी भर कर रुला
बन चुका है जो ज़ख्म अब नासूर
कभी तो उस पर तू मरहम लगा
बना मेरे जिस्म को कोरा कागज़ तू
अपने खूबसूरत अश’आर उस पर सजा
लिख कोई गीत जुदाई का, जानां
कभी तो मिलन का कोई किस्सा सुना
कभी तो बन कर आ परवाना तू
कभी तो मेरे तू जिस्म को जला
सहला मेरी बदकिस्मत मोहोबबत को कभी
कभी तो कोई रात मेरे पहलू में बीता
कभी तो पुकार मुझे कभी तो बुला
कभी तो खयालों से निकलकर आ