sad poetry in hindi on love
मेरी आँखों से सारे आँसूं चुरा लेता है
मेरी आँखों से सारे आँसूं चुरा लेता है
मेरे हर दुख को गले से लगा लेता है
चाहता है मुझे अपनी जान से भी ज्यादा
वो मेरे हर नखरे को पलकों पे उठा लेता है
बताता है मेरे दिल को घर अपना
सुकून भरे कुछ पल वहा बिता लेता है
कभी कभार जब रूठ जाती हूं उससे मैं
तो वो मुझे बच्चों की तरह मना लेता है
मेरे हर ज़ख्म का इलाज़ है वो
मेरे हर दर्द को अपने दिल में दबा लेता है
देता है मेरे होंठो को मुस्कान
और मेरी उदासी अपने चहरे पे सजा लेता है
मेरी आँखों से सारे आँसूं चुरा लेता है
मेरे हर दुख को गले से लगा लेता है