sad poetry in hindi on love
मुझे तेरी फिक्र दिन रात सताती रही
मुझे तेरी फिक्र दिन रात सताती रही
मैं अपनी बेबसी दीवारो को सुनाती रही
तेरे बाद तो जैसे हंसना भूल गए लब मेरे
मेरी उदासी ही हमेशा तुझे बुलाती रही
कभी कम ना होने दी मैने तलब इश्क़ की
मैं तेरी तस्वीर को गले से लगाती रही
देती रही तेरी यादें ख्वाबों में आकर दस्तक
और मैं नीदों में सपनो का घर बसाती रही
कितने दुख और लिखे है किरदार में मेरे
मैं खुदा के आगे हमेशा गिड़गिड़ाती रही
सुनते थे लोग मुझसे मेरे इश्क़ की दास्तां
अकेले में मुझे मेरी ही कहानी रुलाती रही
मुझे तेरी फिक्र दिन रात सताती रही
मैं अपनी बेबसी दीवारो को सुनाती रही