sad poetry in hindi on love
तू ही एक मेरे जीने का सहारा नही है
तू ही एक मेरे जीने का सहारा नही है
मेरी डूबती कश्ती का किनारा नही है
राहते और भी है इस दुनिया में तेरे सिवा
तू ही एक मेरे सुकून का ठिकाना नहीं
दे बैठता है दिल जो हर हुस्न को
मुझे उससे इश्क़ गवारा नहीं है
मैं भी फूल हूं, मेरी भी दोस्ती है भंवरो से
तू ही अकेला मेरा दीवाना नही है
चलो चलते है, जितनी भी गुजरी अच्छी गुजरी
अब तेरे पहलू में और वक्त बिताना नही है
जो समझ ना सका मेरी मोहब्बत को कभी
उसको अपना दुख भी सुनाना नही है
राहते और भी है इस दुनिया में तेरे सिवा
तू ही एक मेरे सुकून का ठिकाना नहीं