sad poetry in hindi on love
मैं रूठी हूं, मना मुझको
कुछ देर अपने कदमों में बिठा मुझको
मैं रूठी हूं, मना मुझको
जो लिखा था कल रात जाग कर तूने
वो गीत मोहब्बत का सुना मुझको
बता कोई किस्सा हीर, रांझे का
इश्क़ है सच में तो दिखा मुझको
अगर मिलता है सुकून डूब कर उसमे
तो फिर खुद मैं आज डूबा मुझको
बन चुका है जिस्म मेरा एक राग
तू साज की तरह बजा मुझको
जिस इश्क़ को लोग कहते है जहर
वो आज अपने हाथ से पिला मुझको
कुछ देर अपने कदमों में बिठा मुझको
मैं रूठी हूं, मना मुझको