sad poetry in hindi on love
तेरी नज़र मुझको कत्ल करती रही
तेरी नज़र मुझको कत्ल करती रही
खून जिगर का जहर करती रही
मोहब्बत की प्यास बुझाने के लिए मैं
जानां उम्रभर रेगिस्तान में सफ़र करती रही
जुदाई के लम्हों को कैसे जिया मत पूछ
मेरी ही सांसे मुझको दफ़न करती रही
जिस बाग को खिलाया था तूने अपनी मोहब्बत से
बहार पतझड़ की उसको बंजर करती रही
जब भी सोचा नई शुरुआत करने का
तेरी यादें बीच में आकर दख़ल करती रही
मेरी तो सारी जिंदगी हमेशा से जानां
तेरे इर्द गिर्द रक्स करती रही
मोहब्बत की प्यास बुझाने के लिए मैं
जानां उम्रभर रेगिस्तान में सफ़र करती रही