sad poetry in hindi on love
एक ख़्वाब आकर बैठा है सिरहाने मेरे
एक ख़्वाब आकर बैठा है सिरहाने मेरे
जो तेरे साथ गुजारे लेकर वो दिन पुराने मेरे
मैं जब भी गुजरता हूं अतित की गलियों से
सामने खुल जाते है तेरी यादों के खजाने मेरे
जब उसके बिना एक पल भी कटना मुश्किल था
छोड़कर कहां चले गए मुझे वो जमाने मेरे
तेरी यादें, तेरी तस्वीरे, तेरी गलियां सब आते है
कभी कभी तुम भी आ जाया करो दर्द को बढ़ाने मेरे
आज मुद्दतों बाद तेरा दीदार हुए जानां
आज मुद्दतों बाद मेरी फ़रियाद सुन ली है खुदा ने मेरे
जो एकबार छोड़कर चले जाते है कब वापिस आते है
तुझे तो लौटने पर मजबूर किया है वफ़ा ने मेरे
एक ख़्वाब आकर बैठा है सिरहाने मेरे
जो तेरे साथ गुजारे लेकर वो दिन पुराने मेरे