sad poetry in hindi

sad poetry in hindi on love | sad poetry in hindi | तुम क्या जानो ये जहर जुदाई का मैने क्यों पिया

sad poetry in hindi on love

तुम क्या जानो ये जहर जुदाई का मैने क्यों पिया

तुम क्या जानो ये जहर जुदाई का मैने क्यों पिया
बताकर अपनी मजबूरियाँ उसने मुझे छोड़ दिया
जो करता नही कभी कोई अपने दुश्मनों के साथ
यारों ऐसा सुलूक मेरे महबूब ने मेरे साथ किया

जिस दिल को एक उम्र लगाकर सिला था मैंने
हो गया फिर से तार तार जैसे ही तूने उसका नाम लिया
ना कोई हकीम ना कोई डॉक्टर ना वैद कर पाया इलाज मेरा
मैं अपनी सारी जिंदगी उसके दिए दर्द में जिया

वो एक मुसाफ़िर थी और मैं उसकी मंजिल नहीं था
वो एक सुबह मुझे सोता हुआ छोड़कर चल दिया
आईना देखता हूं तो सिर्फ वो दिखाई देता है
जाते जाते सब अपना कर गया ऐसा था जादूगर मेरा पिया

तुम क्या जानो ये जहर जुदाई का मैने क्यों पिया
बताकर अपनी मजबूरियाँ उसने मुझे छोड़ दिया

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