sad poetry in hindi on love
वो रोज़ हमसे मिलते भी नहीं
वो रोज़ हमसे मिलते भी नहीं
रोज़ फूल खिलते भी नहीं
उनकी याद आती है तो दिल बहल जाता है
वो हमारे दिल मे है पर हम उनके दिल मे नहीं
वो सब कुछ है हमारे लिए
मालूम है उनको सब कुछ
दिल की बातों को वो समझ के भी समझते नहीं
इक दिल ही तो है हमारा जो उनको मानता है
वो तो सिर्फ उनसे प्यार करना जानता है
जाने अंजाने वो उनका मुरीद हो चुका
सच है के वो उनको दिल से पहचानता है
तुम हसीन हो बेहिसाब ये हम जानते है
तेरी अछाइयों को भी पहचानते है
खूबसूरत होना कोई बुरी बात नहीं है
बस एक ही इल्तिजा तुमसे तुम्हें मांगते है