sad poetry in hindi on love
ये किसका चेहरा है
ये किसका चेहरा है
जो मेरी आँखों में ठहरा है
कौन देता है रोज दस्तक ख़्वाबों में
किसका मेरी नीदों पे पहरा है
मीठा मीठा दर्द है आजकल
असर कुछ ज्यादा गहरा है
खीच रहा है किसका एहसास
किसकी यादों का फैला सहरा है
लगते नही अब पैर जमीन पर
हर एक लम्हा सुनेहरा है
देखती हूं जिधर भी मैं
दिखता वही एक चेहरा है
कौन देता है रोज दस्तक ख़्वाबों में
किसका मेरी नीदों पे पहरा है