sad poetry in hindi on love
क्यों ना एक दूसरे को भूल जाए हम
क्यों ना एक दूसरे को भूल जाए हम
एकबार फिर से अजनबी हो जाए हम
दर्द बहुत देने लगा है अब ये इश्क
क्यों ना महबूब से दोस्त हो जाए हम
जिनका एक होना नसीब में नहीं है
क्यूं ना नदी के वो किनारे हो जाए हम
ना रखे उम्मीद वफ़ा की अब किसी से
क्यों ना आज से बेवफा हो जाए हम
जो रिश्ता शुरू किया है दोस्ती का हमने
क्यूं ना उसमे तेरे हमसफर हो जाए हम
क्यों ना तू बन जाए सुकून मेरे दिल का
क्यूं ना तेरे ज़ख्मों की दवा हो जाए हम
दर्द बहुत देने लगा है अब ये इश्क
क्यों ना महबूब से दोस्त हो जाए हम
sad poetry in hindi on love
sad poetry in hindi on love
Kyon Na Ek Doosare Ko Bhool Jae Ham
Ekabaar Phir Se Ajanabee Ho Jae Ham
Dard Bahut Dene Laga Hai Ab Ye Ishk
Kyon Na Mahaboob Se Dost Ho Jae Ham
Jinaka Ek Hona Naseeb Mein Nahin Hai
Kyoon Na Nadee Ke Vo Kinaare Ho Jae Ham
Na Rakhe Ummeed Vafa Kee Ab Kisee Se
Kyon Na Aaj Se Bevapha Ho Jae Ham
Jo Rishta Shuroo Kiya Hai Dostee Ka Hamane
Kyoon Na Usame Tere Hamasaphar Ho Jae Ham
Kyon Na Too Ban Jae Sukoon Mere Dil Ka
Kyoon Na Tere Zakhmon Kee Dava Ho Jae Ham
Dard Bahut Dene Laga Hai Ab Ye Ishk
Kyon Na Mahaboob Se Dost Ho Jae Ham